13 अन वाँकाऊँ क्यो, “सास्तर में लिक्यो हे, ‘मारो घर परातना को घर केवाई।’ पण, थाँ ईंने ‘चोरा को ठाणो’ बणा दिदो हे।”
वणा क्यो, “यहूदियाँ परदेस का बेतलेम नगर में, काँके परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अस्यान लिक्यो हे के,
पछे वणा उपदेस देता तका क्यो, “परमेसर का बचना में ओ ने लिक्यो हे, ‘मारो घर हारई देसा का मनकाँ का वाते परातना करबा की जगाँ केवाई’ पण, थाँ ईंने ‘चोरा को ठाणो’ बणा दिदो हे।”
पसे ईसू मन्दर की चोकी में आन वोपार करबावाळा ने बारणे काड़बा लागो।
अन वणाऊँ क्यो, “लिक्यो तको हे के, ‘मारो घर परातना को घर वेई।’ पण, थाँ ईंने ‘चोरा को ठाणो’ बणा दिदो हे।”
यो ईं वाते व्यो के, वो बचन पूरो वे, ज्यो वाँके सास्तर में लिक्यो तको हे के, ‘वाँकाणी माराऊँ फालतू में दसमणी किदी।’