बतावो अणा दुयाँ मूँ कणी बाप की बात मानी?” वाँकाणी क्यो, “पेले बेटे।” ईसू वाँने क्यो, “मूँ थाँने हाचेई केवूँ हूँ के, कर लेबावाळा अन वेस्या थाँकाऊँ पेल्या परमेसर का राज में जाई।
मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, अणीईस तरियाऊँ एक मन फेरबावाळा पापी का बारा भी हरग में अतरोइस आणन्द वेगा, जतरो वणा नन्याणूँ धरमी भगताँ का वाते ने वेवे हे ज्याँने मन बदलवा की कई जरुरत ने हे।”
तो पछे आपाँ कई केवाँ? माँ ईं नतीजा पे आया हा के, ज्यो यहूदी ने हा, वीं मनक धारमिकता की खोज में ने हा, वणा धारमिकता पा लिदी हे। वीं ज्यो विस्वास की वजेऊँ खरा ठेराया ग्या।
एक ओरी वजेऊँ माँ थाँका वाते परमेसर को धन्नेवाद करा हाँ के, जद्याँ माँ थाँने परमेसर को हव हमच्यार हुणायो हो जद्याँ थाँ ईंने मनकाँ का आड़ीऊँ ने जाण्यो पण परमेसर को जाणन ईंने मान्यो अन हाँच भी योईस हे, ईं वजेऊँ परमेसर थाँकामें जद्याँ विस्वास करो हो तो काम करे हे।