15 कई ओ हव ने के, मूँ आपणाँ मालऊँ ज्यो छावूँ वो करूँ? कई मारो दयाळू वेबा का मस थूँ रिस्याँ बळे हे?’”
वीं दाण ईसू क्यो, “हो परम बापू, हरग अन धरती का परबू, मूँ थाँको धन्नेवाद करूँ हूँ के, थाँ अणा बाताँ ने ग्यानी अन स्याणाऊँ हपान राकी अन भोळा मनकाँ पे परगट किदी हे।
ज्यो थारो हे, ले अन परोजा। मारी मरजी या हे के, जतरी दानकी थने दूँ अतरीईस पछे आबावाळा ने भी दूँ।
पण यद्याँ थाँकी आँक नरोगी ने हे, तो थाँकी हारी देह में अंदारो वेई, ईं वाते वो उजितो ज्यो थाँकामें हे यद्याँ अंदारो वेई तो वो अंदारो कतरो मोटो वेई?
लोब-लाळच, हरेक तरे की दुस्टता, छळ-कपट, नागोपणो, रिस्याँ, नन्दयाँ, मेपणो अन बेण्डापणो बारणे आवे।
काँके थाँ वींने हाराई मनकाँ का ऊपरे अदिकार दिदो के, ज्याँने थाँ वींने दिदा हे वणा हाराई ने वो अनंत जीवन देवे।
जद्याँ यहूदियाँ आ मनकाँ की भीड़ देकी, तो वे रिस्याँ बळता तका पोलुस जो भी क्यो हो, वींको विरोद करबा लागा अन खोट्याँ खाबा लागा।
थाँने दूजाऊँ कणी खास बणाया हे? अन थाँका नके ज्यो कई हे वो कई थाँने परमेसर ने दिदो? तो अस्यान काँ मेपणो करे हे के, थाँ कदी कणीऊँ कई लिदोई कोयने?
परमेसर ज्यो कई करी आपणी मन की मरजी अन ते किदी तकी बात के जस्यान करी अन परमेसर आपाँने खुद का मकसद के जस्यानीस वाँके खुद की परजा बणबा का वाते ईसू मसी का हाते गट-जोड़ करन चुण्या हा, जिंने वणा पेल्याई ते कर मेल्यो हो।
एक टेम ही, जद्याँ थाँ आपणाँ गुना अन पापाँ का मस आत्मिक जीवन में मरिया तका हा।
जद्याँ आपाँ गुना का मस आत्मिक जीवन में मरिया तका हा, तो आपाँने मसी का हाते जिवाया। वाँकी करपाऊँ थाँ बंचाया ग्या हो।
वणी आपणी मरजीऊँ हाँच का बचनऊँ पेदा किदा हे जणीऊँ आपाँ वींकी बणई तकी दनियाँ में पेला फळ वेवा।
हो भायाँ, एक दूजाँ पे मती बड़बड़ावो, ताँके थाँ दोसी ने ठेरो। देको, न्याव करबावाळो बारणा आगेईस ऊबो तको हे।