11 जद्याँ दानकी मली, तो वीं जमींदार पे गुस्सो करता केबा लगा,
ज्यो पेल्या आया वाँकाणी ओ हमज्या के, माने अणाऊँ नरोई मेली, पण वाँने भी एक चाँदी सिक्को मल्यो।
‘ईं पाच्छे आबावाळा तो एक घड़ी काम किदो, अन थाँ वाँने माकाँ जस्यानीस बणा दिदा, पण माँ तो दन भर बोज तोक्यो अन तावड़ा में तपयाँ।’
ओ अंतर तीन सो चान्दी का रिप्याऊँ भी हेला रिप्या में बेंच देती अन पछे वीं धन ने गरीबा में बाँट देती।” वाँ हारई वींकी घणी खोट्याँ खादी।
तो फरीसी अन सास्तरी बड़बड़ करन केवा लागा के, “यो तो पाप्याऊँ मले–जूले हे अन वाँके हाते खावे-पीवे भी हे।”
यो देकन हाराई लोग-बाग मन में बड़बड़ान केबा लागा के, “वी तो एक पापी मनक का अटे रकरियो हे।”
यो देकन फरीसियाँ अन वाँका सास्तर हिकाबावाळा ईसू का चेलाऊँ यो केन सिकायत करबा लागा, “थाँ लगान लेबावाळा अन दूजाँ पाप्याँ का हाते काँ खावो-पीवो हो?”
अणा बाताँऊँ यहूदी मनक ईसू पे बक-बक करबा लागा, काँके वो केतो हो के, “वाँ रोटी मूँ हूँ ज्या हरगऊँ उतरी हे।”
ईसू ने आपणाँ मन में पतो पड़ग्यो के, मारा पे विस्वास करबावाळा ने ईं बात को ओळमो हे। तद्याँ ईसू वाँने क्यो, “कई या हिक थाँने बुरी लागी हे?
जद्याँ यहूदियाँ आ मनकाँ की भीड़ देकी, तो वे रिस्याँ बळता तका पोलुस जो भी क्यो हो, वींको विरोद करबा लागा अन खोट्याँ खाबा लागा।
वीं मनक जी यहूदी ने हे, वाँने बंचाबा को हव हमच्यार हुणाबा का वाते आपाँने रोके हे। अस्यान करबाऊँ वाँका पाप को घड़ो भरियो हे अन परमेसर को परकोप वाँका पे आग्यो हे।
काँके ईं मनक बड़बड़ाबावाळा, दूजाँ मनकाँ पे दोस लगाबावाळा, आपणी मरजी पुरी करबावाळा, मोटी-मोटी बाताँ करबावाळा अन आपणाँ नफो करबा का वाते दूजाँ की चमचागीरी करबावाळा हे।