10 ज्यो पेल्या आया वाँकाणी ओ हमज्या के, माने अणाऊँ नरोई मेली, पण वाँने भी एक चाँदी सिक्को मल्यो।
ईंपे पतरस वाँने क्यो, “देको, माँ तो हारोई छोड़न थाँरा पाच्छे वेग्या हाँ, तो माने कई मली?”
जद्याँ दानकी मली, तो वीं जमींदार पे गुस्सो करता केबा लगा,
वणी दानक्याँ ने एक चाँदी का सिक्का की दानकी पे आपणी बाग में काम करबा का वाते खन्दाया।
जद्याँ वीं आया ज्यो घड़ीभर दन रेग्यो हो, वीं दाण दानकी पे लगाया ग्या हाँ, वाँने एक चाँदी को सिक्को मल्यो।