11 वीं वणी घरे ग्या, जटे बाळक ने वींकी बई मरियम की लारे देक्यो अन गोडा टेकन वींको नमस्कार किदो। आपणी–आपणी जोळ्या खोलन वींने होना, लोबान अन अंतर भेंट किदा।
वीं टेम में वाँ भी वटे अई। वणी परमेसर को धन्नेवाद दिदो अन ज्यो मनक यरूसलेम ने छुड़ाबा की वाट नाळरिया हा। वणा हाराई ने बाळक ईसू का बारा में बताबा लागगी।
तद्याँ मूँ वींकी जे-जेकार करतो तको वीं हरग-दुत का आगे धोक लाग्यो। पण वणी माराऊँ क्यो, “अस्यान मती करे! काँके मूँ तो थाँरो अन थाँरी हण्डाळ्याँ का हाते परमेसर को दास हूँ। जणापे ईसू मसी की गवई देबा की जिमेदारी हे। थूँ परमेसर के धोक लाग, काँके ईसू मसी की गवई आगेवाणी की आत्मा हे।”
अन जद्याँ वणी किताब ले लिदी, तो वणा च्यारई जीवता जीव अन वीं चोवीस पुरवज वींके धोक लाग्या। वणा हाराई का नके विणा ही अन वीं वाना आबावाळी चिजाँऊँ भरिया तका होना का प्याला लेन राक मेल्या हा। यो धरमिया की परातना दिकावे हे।