24 थाँकाऊँ पाछो केवूँ हूँ के, जस्यान ऊँट हुई का नाका मेंऊँ ने निकळ सके, वस्यानीस रिप्यावाळा को परमेसर का राज में जाणो घणो दोरो हे।”
ओ हुणन चेला अचम्बा में पड़ग्या अन पूँछ्यो, “तो पछे कूण बंचायो जा सके हे?”
ईसू वाँकी आड़ी देकन क्यो, “मनकाऊँ तो ओ ने वे सके हे, पण परमेसरऊँ हारोई वे सके हे।”
हो आंदा अगुवाँ, थाँ आपणाँ पाणी मेंऊँ माछर ने तो काड़ दो हो, पण ऊँट ने खा जावो हो।
जस्यान ऊँट हुई का नाका मेंऊँ ने ने निकळ सके, वस्यानीस रिप्यावाळा को परमेसर का राज में जाणो घणो अबको हे।”
ईसू वींने जवाब दिदो के, “मूँ थाँराऊँ सई केवूँ हूँ, यद्याँ थूँ पाछो जनम ने लेवे, तो परमेसर का राज ने देक ने सकी।”
ईसू वींने जवाब दिदो के, “मूँ थाँकाऊँ हाचेई केवूँ हूँ, जद्याँ तईं कुई मनक पाणी अन पुवितर आत्माऊँ ने जनमे तो वो परमेसर का राज में ने जा सकी।
थाँ ज्यो एक-दूजाऊँ मान छावो हो अन वो मानज्यो खाली परमेसर का आड़ीऊँ मले हे, वींकी थाँने कई परवा ने हे। तो थाँ मारा पे कस्यान विस्वास कर सको हो?