वणी वणाऊँ क्यो, “थूँ आपणाँ परबू परमेसरऊँ आपणाँ पूरा मन अन पुरी आत्माऊँ अन आपणी हारी सगतिऊँ अन आपणी हारी अकलऊँ परेम कर, अन आपणाँ पड़ोसीऊँ आपणाँ जस्यान परेम राक।”
जस्यान के, “थूँ कुकरम मती करज्ये, हत्या मती करज्ये, चोरी मती करज्ये, दूजाँ की चिजाँ को लोब मत करज्ये।” अस्या हाराई नेम अन ज्यो नेम बचग्या हे, वीं हाराई ईं आग्या में आ जावे हे के, “थूँ दूजाऊँ भी थाँरे जस्यानीस परेम राक।”
सास्तर में लिक्यो हे के, “थाँ थाँका पड़ोसीऊँ थाँका जस्यानीस परेम करज्यो।” ओ हाराई हुकमाऊँ दरबारी हुकम हे। अन जद्याँ थाँ ईंने मानो हो, तो थाँ यो हव करो हो।