काँके कुई गतराड़ा अस्या हे, ज्यो माँ का गरबऊँ ईंस अस्या जनम्याँ। अन कुई गतराड़ा अस्या हे, ज्याँने मनकाँ बणाया अन कुई गतराड़ा अस्या हे, जणा हरग का राज का मस ब्याव ने करबा को फेसलो किदो हे। ज्यो ईं बचन ने गरेण कर सके हे, वीं गरण करले।”
या बात थाँकी भलई का वाते केरियो हूँ ने की थाँ पाबन्द कररियो हूँ। ईं वाते मूँ छावूँ हूँ के, थाँ वोईस करो ज्यो अपणा आप में सई हे अन थाँ पूरा मनऊँ खुद परबू की सेवा में लाग जावो।