10 चेला वाँने क्यो, “यद्याँ मनक को लुगई का हाते अस्यो रिस्तो वे, तो ब्याव करणो हव कोयने।”
ईसू वाँने क्यो, “हाराई ओ बचन ने मान सके, बेस वीं ज्याँने ओ दान दिदो ग्यो हे।
मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, “यद्याँ कुई लुगई कुकरमी ने वेवे तद्याँ भी वींको धणी वींने छोड़ देवे हे अन दूजीऊँ ब्याव करे, वो कुकरम हे।”
अबे मूँ बना ब्याव व्या वाँकाऊँ अन विदवा का वाते केणो छारियो हूँ के, यद्याँ वीं मारे जस्यान अकेला रेवे तो ओ बड़या हे।
अस्यान का मनक ब्याव करबा ने गलत अन खाबा की कई चिजाँऊँ रका राकबा की हिक देई, पण परमेसर वणा चिजाँ ने ईं वाते बणई के, विस्वास अन हाँच ने जाणबावाळा वाँने परमेसर को धन्नेवाद देन खावे।