4 ज्यो कुई आपणाँ खुद ने अणी छोरा का जस्यान फोरो बणाई, वो हरग का राज में मोटो वेई।
वीं बगत ईसू का चेला वींका नके आन पूँछबा लागा, “हरग का राज में मोटो कूण हे?”
अन क्यो, “मूँ थाँकाऊँ हाचेई केवूँ हूँ के, जद्याँ तईं थाँ पापऊँ ने फरो अन छोरा का जस्यान ने वणो, थाँ हरग का राज में ने जा सको।
अन ज्यो भी मारा नामऊँ ईं छोरा का जस्यान किंने मानी, वो मने मानी।
पण, थाँकामें अस्यान कोयने हे। पण ज्यो कुई थाँकामूँ मोटो वेणो छावे, वो थाँको दास वणे।
पण, वी छाना-माना रिया, काँके वे गेला में बात-बच्यार कररिया हा के, माँकाऊँ मोटो कूण हे?
काँके हरेक ज्यो आपणाँ खुद ने ऊसो करी, वींने रेटे किदो जाई अन ज्यो आपणाँ खुद ने रेटे करी वींने ऊसो किदो जाई।”
चेलाऊँ क्यो, “ज्यो कुई अणी बाळक ने मारा नामऊँ गरेण करे हे, वी मने भी गरेण करे हे अन जणी मने खन्दायो हे वींने भी करी। काँके ज्यो थाँ हारामूँ फोरो हे, वोईस हाराऊँ मोटो हे।”
थाँ परबू का हामे हुदा-हादा बणो, जणीऊँ वो थाँने ऊसा करी।
हो मोठ्याराँ, अणीस तरियाँ थाँ भी परदानाँ का बंस में रेवो, थाँ हाराई का हाराई सेवा करबा वाते दया का हाते त्यार रेवो, काँके “परमेसर मेपणो करबावाळा का खिलाप में हे, पण जो मनक खुद ने फोरो बणावे हे वींके ऊपरे परमेसर दया करे हे।”