वींके मालिक वींने क्यो, ‘हे कपटी अन बना काम का दास,’ जद्याँ थूँ ओ जाणतो हो के, जटे में ने वायो वटूऊँ काटू हूँ, अन जटे में ने छाँटयो वटूऊँ भेळो करूँ हूँ।
आपाँ जाणा हे के, नेम ज्यो कई केवे हे, वाँने केवे हे ज्यो नेमा का बंस में हे। अणीऊँ हाराई का मुण्डा बन्द किदा जा सके अन हारी दनियाँ परमेसर का दण्ड के जोगी वे।