29 “ईंपे वींका हाते को नोकर वींका पगाँ में पड़न वणीऊँ अरज करबा लागो, ‘संतोक राक, मूँ हारोई दे देऊँ।’
ईंपे वणी दास पगाँ में पड़न वणीऊँ अरज किदी अन क्यो, ‘हो मालिक संतोक राक, मूँ हारोई दे देऊँ।’
“पण जद्याँ वो नोकर बारणे आयो, तो वींका हाते का नोकराऊँ मेंऊँ एक नोकर वींने मल्यो ज्यो वींको हो दिनार को करजदार हो, वाँकाणी वाँने पकड़न वींको गळो दबायो अन क्यो, ‘ज्यो कुई थाँराऊँ लेणो हे वो दिदे।’
पण वो ने मान्यो, पण जान वींने जेळ में नाक दिदो के, जद्याँ तईं करजो ने देवे, तद्याँ तईं वो वटेईस रेवे।
ईं वाते जस्यान में थाँका पे दया किदी, वस्यानीस कई थने भी आपणाँ हाते का नोकर पे दया ने करणी ही?’
अन जस्यान माँ माकाँ दसमणा ने माप किदा हे, वस्यानीस थाँ भी माकाँ पापाँ ने माप करो।
माकाँ हाते काम करबावाळो लाड़लो इपफरासऊँ थाँ आ बात हिक्या हा। ज्यो आपणाँ वाते मसी का विस्वास जोगो सेवक हे।
प्यारा भई अन विस्वासी दास, तुखिकुस ज्यो परबू में मारा हाते सेवा करबावाळो हे, वो मारी हारी बाताँ थाँने बता देई।