25 जद्याँ वींका नके पाच्छा देबा का वाते कई कोयने हो, तो वींके मालिक क्यो, यो अन ईंकी लगई अन छोरा-छोरी अन ज्यो कुई ईंको हे हारोई बेच्यो जावे, अन करजो भरियो जावे।
जद्याँ वो लेको लेबा लागो, तो एक जणो वाँका हामे लायो ग्यो, जिंपे दस हजार चाँदी का सिक्का को करजो निकळ्यो हो।
जद्याँ वीं मूँळ पूँजी भी ने दे सक्या, तो वणी दुयाँ का करज माप कर दिदो। अबे थूँ बता, वाँका मूँ कूण वणीऊँ हेलो परेम करी?”