18 “मूँ थाँकाऊँ हाचेई केवूँ हूँ के, ज्यो कुई थाँ धरती पे बांदो, वो हरग में बदी अन ज्यो कुई थाँ धरती पे खोलो, वो हरग में भी खली।
मूँ थने हरग का राज की कुस्याँ देऊँ अन ज्यो कुई थूँ धरती पे बांदी, वो हरग में बदी अन ज्यो कुई धरती पे खोली, वो हरग में खली।”
ज्याँका पाप थाँ माप करो, वाँका पाप माप किदा जाई। ज्याँने थाँ माप ने करो, वीं माप ने करया जाई।”
यद्याँ थाँ किंने कस्यी भी बात का वाते भी माप करो हो वींने मूँ भी माप करूँ हूँ अन ज्यो कई भी मूँ माप करूँ हूँ वो मसी का हामे थाँका वाते किदो ग्यो हे,