तद्याँ पतरस ईसू का नके आन पूँछ्यो, “हो परबू जी, यद्याँ मारो विस्वासी भई मारा विरोद में कई अपराद करतो रेवे, तो मूँ कतरी दाण वींने माप करूँ? कई हात दाण तई?”
ईं वाते मारो थाँने कागद लिकबा को ओ मतलब ने हो के, मूँ थाँने बताऊँ के, कूण दोसी हे अन वींका बारा में के, किंका खिलाप में गुनो किदो ग्यो हे, पण ईं वाते लिक्यो हो के, परमेसर का हामे थाँने खुद पतो पड़ जावे के, थाँ माँकी करती मानो हो।
हो भायाँ, यद्याँ कुई मनक कस्याई पाप में पकड़यो जावे, तो ज्यो थाँ आत्मिक हो थाँने अस्यान करणो छावे के, थाँ दया-भावऊँ वींने पाछो धरम का गेला पे लाबा का वाते वींकी मदत करो, ताँके वो पाछो धरम का गेला में आ जावे। थाँ आपणाँ खुद को भी ध्यान राकज्यो के, थाँ परक में ने पड़ो।
किंका पे थाँको ओळमो वे तो एक-दूँजा ने सेण करता तका अन एक-दूँजा ने माप कर दो। जस्यान परमेसर थाँने माप करे हे वस्यानीस थाँने भी एक-दूँजा ने माप करणा छावे।
ईं बात में कुई भी आपणाँ भई नेईस ने ठगे अन ने कुई किंको नफो लेणो छावे। काँके परबू आ हारी बाताँ को बदलो लेबा में हे, अणा बाताँ का बारा में माँ थाँने पेल्याँई बता दिदो अन चेताया भी हाँ।
हो लुगायाँ, जस्यान दास मालिक का बंस में रेवे हे, वस्यान थाँ भी थाँका धणी का बंस में रेवो, काँके यद्याँ थाँका धणी परबू का बचन ने मानबावाळा भी वेवे, तो वींने कई केवा की जरूत कोयने, पण वो आपणी लुगई का वेवार ने देकन परमेसर का बचन पे चालबा लाग जाई।