अन जदी ईसू निकळन गेला में जारिया हा, तो एक मनक वाँका आड़ी दोड़तो तको आयो, अन वाँका हामे गोडा टेकन क्यो, “ओ हाँचा गरुजी, अनंत जीवन पाबा का वाते मने कई करणो छावे?”
जद्याँ वीं दन पूरा वेग्या तो माँ वटूँ चाल पड़या, अन वटा का हंगळा मनक अन वाँकी लुगायाँ अन छोरा-छोरी माँने नगर का बारणे तईं मेलवा आया, अन समन्द का कनारे माँ हंगळा गोडा टेकन परातना किदी।