9 कई थाँ अबाणू भी ने हमज्या? कई थाँने वीं पाँच हजार की पाँच रोट्याँ आद कोयने, अन पछे थाँ कतरी ठोपल्याँ तोकी ही?
तद्याँ वणी वाँने क्यो “कई, थें भी दूजाँ के जस्यान हमजदार ने हो? कई, थाँ ने हमजो के, कस्यी भी चीज ज्यो मनक में बारणेऊँ मयने जावे, वा वींने ने वटाळे।
कई थाँने आद ने हे के, जद्याँ मूँ थाँका नकेरिया करतो हो, तो मूँ थाँने ईं हारी बाताँ क्या करतो हो?
मूँ जणीऊँ भी परेम करूँ हूँ वाँने तापड़ूँ अन दण्ड देऊँ हूँ। ईं वाते पसतावणो कर अन पापऊँ आपणो मन ने बदलो।