ईं वाते जद्याँ परमेसर छापेड़ा की चुंटी ने, ज्यो अबाणू हे, अन काले वादी में बाळी जई, वींने अतरी हव बणावे हे, तो हो कम विस्वासवाळा, कई थाँने हव गाबा ने पेराई?
पछे जदी वींका ग्यारई चेला रोट्याँ खारिया हा, ईसू वाँका मुण्डागे परगट व्या अन वे वाँने वाँका बना विस्वास, कल्डा मन के वाते फटकारिया, काँके वणा वाँका हमच्यार को विस्वास ने किदो हो, जणा ईसू ने जीवता व्या केड़े देक्या हा।