3 अन भाग-फाट्याँ केवो हो, ‘आज बरका आई, काँके आकास रातो अन धुळ भरियो हे।’ थाँ आकास ने देकन वींका भेद बता सको हो, पण टेम का हेन्याण का भेद ने काँ ने बता सको हो?
आन्दा पाच्छा देकबा लागा हे अन लंगड़ा चालबा-फरबा लागा हे, कोड़्या को कोड़ हव वेरियो हे अन बेरा हुणरिया हे अन मरिया तका जीवता वेरिया हा। अन दकी अन गरीब मनकाँ ने हव हमच्यार हुणायो जारियो हे।
“ओ कपटी, मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन फरीसियाँ, थाँने धिकार हे! थाँ मनकाँ का वाते हरग का राज को बारणो बन्द करो हो, ने तो थाँ खुद परवेस करो हो अन ने वींमें परवेस करबावाळा ने परवेस करबा देवो हो।