35 अन वाँकाणी लोगाँ ने जमीं पे पंगतऊँ बेटबा को हुकम दिदो।
ईसू वाँकाऊँ पूँछ्यो, “थाँका नके कतरी रोट्याँ हे?” वाँकाणी क्यो, “हात, अन थोड़ीक फोरी माछळ्याँ हे।”
अन ईं हात रोट्याँ अन माछळ्याँ लिदी, अन धन्नेवाद करन तोड़ी अन आपणाँ चेला ने देतो ग्यो, चेला लोग-बागाँ ने देता रिया।
ईसू जवाब दिदो, “लोगाँ ने बेवाड़ी दो।” वाँ जगाँ घणी चुंटी हो। वटे मनक मनकईस लगे-भगे पाँचेक हजार हा। वीं वटे बेटग्या।