34 ईसू वाँकाऊँ पूँछ्यो, “थाँका नके कतरी रोट्याँ हे?” वाँकाणी क्यो, “हात, अन थोड़ीक फोरी माछळ्याँ हे।”
चेला वींने क्यो, “माँने ईं हुन्ना कांकड़ में कटूँऊँ अतरी रोट्याँ मली के, माँ अतरी मनकाँ ने धपावा?”
अन वाँकाणी लोगाँ ने जमीं पे पंगतऊँ बेटबा को हुकम दिदो।