“यद्याँ थारो हात कन थारो पग थने ठोकर खुवावे, तो वींने काटन फेक देज्ये। टुट्यो कन लंगड़ो वेन अनंत जीवन में परवेस करणो थाँरा वाते ईंऊँ हव हे के, दो हात कन दो पगाँ वेता तका थूँ कदी ने बजबा वाळी वादी में नाक्यो जावे।
जद्याँ ईसू यो हुण्यो तो अचम्बा में पड़न आपणाँ पाच्छे आरिया हा वाँने क्यो, “मूँ थाँने हाचेई कूँ हूँ के, में अस्यो विस्वास इजराएल का मनकाँ में भी ने देक्यो।”
वो ऊबो व्यो, तरत आपणो माचो तोक्यो अन वाँ हंगळा ने देकतईं देकता वो बारणे परोग्यो। यो देकन हारई जणा अचम्बा में पड़ग्या, अन वाँकाणी परमेसर की बड़ई किदी अन बोल्या, “माँकाणी अस्यी बात कटेई ने देकी।”
अन जणा लोगाँ यो हुण्यो, तो वीं हंगळा घणा अचम्बा में आन केबा लाग्या, “ईसू ज्यो भी करे, हंगळोई हव करे। अटा तईं, वो बेरा ने हुणबा की अन गूँगा ने बोलबा की सगती देवे हे।”
अस्यान जद्याँ वींको दास पाछो आन वींने हारी बाताँ बतई तो ईंपे घर का मालिक ने घणो गुस्सो आयो अन वणी आपणाँ दासऊँ क्यो, ‘फटा-फट जा अन नगर की हरेक गळ्याँ मूँ गरीबा, लंगड़ा, लकवा मारिया तका अन आंदा मनकाँ ने अटे बला ला।’
ईंपे वीं हाराई मनक दरपग्या अन परमेसर की जे-जेकार करबा लागा के, “आपणाँ बसमें एक मोटा परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो परगट व्यो हे।” अन केबा लागा के, “परमेसर आपणाँ लोगाँ की मदत करबा ने आग्या हे।”