हरग-दुताँ की पुजा करणी, आपणी देह ने दुक देणो, दिकावा की दया अन मनकाँ का बणाया तका जूटा नेम, ईं हाराई ग्यान की बाताँ तो लावे हे, पण देह की बुरी मरजी ने रोकबा का वाते अणाऊँ कई नफो ने वेवे हे।
हूँस्यार रेज्यो, कुई थाँने अकलऊँ अन धोकाऊँ आपणाँ गुलाम ने बणा ले, ज्यो मनकाँ का रिति-रिवाजऊँ अन दनियाँ की बाताँ के जस्यान तो हे, पण ईसू मसी के जस्यान कोयने।