जद्याँ हाँज पड़गी, तद्याँ वाँका चेला वाँका नके आया अन क्यो, “अटे हून्नी जगाँ हे अन मोड़ो वेरियो हे लोगाँ ने परी हिक दो, ताँके वीं गाम में खाणो मोल ले सके अन खावे।”
वीं परदेसऊँ एक लुगई अई ज्या कनानी जात की ही अन वाँ कल्ड़ो हाका-भार मेलन केबा लागी, “हो परबू जी! दाऊद का पूत, मारा पे दया कर! मारी बेटी ने हुगली आत्मा घणी सता री हे।”