20 तद्याँ हाराई खान धापग्या, तो चेला बंची तकी रोट्याँ का बारा ठोपळा भरिया।
अन वटे खाणो खाबा वाला में लुगायाँ अन छोरा-छोरी ने छोड़न, पाँच हजार मनक मनकईस हा।
चेला वींने क्यो, “माँने ईं हुन्ना कांकड़ में कटूँऊँ अतरी रोट्याँ मली के, माँ अतरी मनकाँ ने धपावा?”
धन्ने हे वी ज्यो धरम का काम करबा में आगता रेवे हे, परमेसर वाँकी मरजी पुरी करी।
वणी भूका ने हव चिजाँऊँ भर दिदा अन रिप्यावाळा ने खाली हाताई काड़ दिदा।
अस्यान वीं हाराई खान धापग्या अन चेला बची तकी रोट्याँ की बारा ठोपळा भरिया।
फिलिपुस वींने जवाब दिदो, “दो सो चाँदी का सिक्का की रोट्याँ लान थोड़ी थोड़ी हाराई ने देवाँ, तद्याँ भी वीं कम पड़ जाई।”