8 पण थोड़ाक हव जमीं पे पड़या, अन हेली हाँक पेदा किदी, कटे हो गुणी, हाठ गुणी, अन कटे तीस गुणी हाँक।”
ज्यो बीज हव जगाँ में बोयो ग्या वीं खुब फळ लाया वीं वणा मनकाँ का जस्यान हे ज्यो हो गुणा, हाठ गुणा, अन कटे तीस गुणा फळ लावे।”
थोड़ाक बीज झाड़क्याँ में पड़्या अन झाड़क्याँ मोटा वेन वाँने दबा दिदा।
अन कुई मनक तो हव गारा का जस्यान हे जटे बीज बोयो जावे हे, वीं सन्देसा ने हुणे अन मन में उतारे, ईं वाते वीं फळ लावे, ज्यो कटे तीस गुणा, कटे हाठ गुणा अन कटे हो गुणाऊँ भी हेला फळ लावे।”
पण, थोड़ाक बीज हव जमीं पे पड़ग्या, तो वीं उगन हव मोटा व्या अन हव अन्न पेदा व्यो, जणीऊँ तीस गुणी, हाठ गुणी अन हो गुणी हेली हाक वी।”
पण हव जगाँ वाया तका बीज वी मनक का जस्यान हे, जी बचन हुणे वी आपणाँ हव अन हाँचा मन में हमाळी राके अन हमेस्यान वींके जस्यानीस चालन वी हव फळ लावे हे।
अन थोड़ाक बीज हव जगाँ में पड़्या, अन वीं उग्या अन हो गुणा फळ लाया।” यो केन वणा ज्योरऊँ क्यो, “जिंके हुणबा का वाते कान्दड़ा हे, वीं हुणे।”
परमेसर की मरजी का जस्यान काम करो अणीऊँ मारा बापू परमेसर की मेमा वेई, तद्याँई थाँ मारा चेला केवावो।
हाँ, मूँ जाणूँ हूँ के, मारा पापी देह में कुई भी हव चीज वास ने करे हे। भलई करबा की मरजी तो मारा मयने हे पण भला का काम माराऊँ ने वेवे हे।
परमेसर की बड़ई अन मेमा के वाते थाँको जीवन ज्यो परमेसर छावे वो करबावाळा हव गुणऊँ भर जावे ज्याँने ईसू मसी देवे हे।