54 अन आपणाँ नगर नासरत में आन यहूदी परातना घर में अस्यो उपदेस देबा लागो के, मनक अचम्बा में पड़न केबा लागा, “ईंने अस्यी अकल अन तागत का काम करबा की सगती कटूँ मली?
पण पोलुस अन बरनबास बनाई दरप्या क्यो, “ओ जरूरी हे के, परमेसर का बचन सबऊँ पेल्याँ थाँने हूणावाँ, पण थाँकाणी वाँने नकारता तका खुद ने अमर जीवन जीबा के जोगा ने हमज्या। ईं वाते माँ अबे यहूदियाँ ने छोड़न जो यहूदी ने हे वाँका नके जारिया हा।
जद्याँ वणा पतरस अन यहुन्ना की हिम्मत देकी अन हमज्या के, वे दुई अणभण्या अन भला मनक हे। तो वाँने घणो अचम्बो व्यो। पछे वे जाणग्या के, ईं दुई ईसू की लारे रे चुक्या हाँ।