53 जद्याँ ईसू ईं हारी केण्याँ के दिदी तो पछे वटूँ पराग्या।
अन वो वाँकाऊँ केणी में घणी बाताँ किदी अन वणी वाँने क्यो, “एक करसाण बीज बोवा निकळयो।
वाँकाणी वाँने क्यो, “ईं वाते नेमा ने हिकाबावाळा ज्यो परमेसर का राज का चेला बण्या हे, वीं वणी घरवाळा का जस्यान हे ज्यो भण्डारऊँ नई अन जूनी चिजाँ बारणे काड़े हे।”
जद्याँ ईसू बाताँ कर चुक्यो, तो अस्यान व्यो के, भीड़ वाँका उपदेस हुणन अचम्बो करबा लागी।