“हरग को राज खेत में हप्या तका धन का जस्यान हे, ज्यो कणी मनक ने मल्यो अन वणी पाछो वटेईस छुपा दिदो, अन राजी वेता तका आपणी जगाँ-जादाद ने बेंच दिदी अन वीं खेत ने मोल ले लिदो।
पण मूँ आपणाँ जीव ने कई ने हमजूँ। मूँ तो बेस वीं दोड़ अन सेवा का काम ने पूरो करणो छारियो हूँ, जिंने में परबू ईसुऊँ पाई हे, जो परमेसर की करपा का हव हमच्यार की गवई देणो हे।”
मूँ हाराई पुवितर मनकाँऊँ फोरो हूँ, पण मारा पे आ करपा वीं के, मूँ मसी का अनमोल धन ने ज्यो हमजऊँ बारणे हे वींका हव हमच्यार ने ज्यो यहूदी ने हे वाँ लोगाँ ने हूणाऊँ
जस्यान के होनो, चाँदी, मखमल, बेगनी, रेसम अन किरमिजी का गाबा, वाना आबावाळी हारी लाकड़्या, हाती का दातऊँ बणी तकी चिजाँ, अनमोल टिंढका, पीतळ, लोड़ा, अन संगमरमरऊँ बणी तकी तरे-तरे की चिजाँ,