4 बीज वाती दाण थोड़ाक बीज गेला के कनारे पड़्या अन सरकल्या वाँने चगगी।
अन वो वाँकाऊँ केणी में घणी बाताँ किदी अन वणी वाँने क्यो, “एक करसाण बीज बोवा निकळयो।
थोड़ाक बीज काँकरी जमीं पे पड़्या, वटे वाँने हव गारो ने मलबाऊँ अन ऊण्डो गारो ने मलबाऊँ वी जट उगग्या।
वीं टेम अस्यो व्यो के, वणी बीज बोया, तो थोड़ाक बीज गेला का कनारा पे पड़ग्या हा, तो उड़बावाळा जीव-जनावर आया अन वणा बीज ने चुगग्या।
जद्याँ ईसू यरीहो का नके पूग्या, तो वाँने एक आंदो मनक हड़क का कनारे बेटन भीक मांगतो तको मल्यो।
“एक दाण एक करसाण हो, वो बीज बोवा ने ग्यो। तो कई व्यो बोती दाण थोड़ाक बीज गेला का कनारे पड़या, ज्यो घसरई ग्या, अन उड़बावाळा जीव-जनावर वाँने चुगग्या।