33 ईसू वाँने एक ओरी केणी क्यो, “हरग को राज खमीर का जस्यान हे जिंने कुई लुगई थोड़ोक लेन तीन पसेरी आटा में मला देवे अन देकताई-देकता वणी हाराई आटा ने खमीर फुजई देवे हे।”
अन जदी परमेसर वाँ दनाँ ने कम ने किदा वेता, तो ईं धरती पे कुई ने बंच सकतो। पण, वाँ गण्या-चुण्या मनक का वाते, जाँने वणा चुण्या हे, वाँ दनाँ ने कम किदा हे।