21 पण आपणाँ में जड़ ने पकड़बा का मस वीं थोड़ाक दनईस रेवे हे, अन जद्याँ परमेसर पे विस्वास करबा की वजेऊँ मनक वाँकाऊँ हव वेवार ने राके अन हतावे तो वीं विस्वास करणो छोड़ देवे हे।
पण, वो सन्देसो वाँका मन में जड़ ने पकड़े, ईं वाते वीं थोड़ीक देर रूके अन जद्याँ ईं सन्देसा का मस वाँका पे दुक अन हताव आवे, तद्याँ वीं फटाकऊँ आपणाँ विस्वासऊँ छेटी वे जावे हे।
काँकरा वाळी जगाँ का बीज वणा मनकाँ का जस्यान हे के, जद्याँ वी हुणे, तो वी आणन्द का हाते परमेसर की वाणी ने माने हे। पण वीं जड़ ने पकड़वा का मस थोड़ीक दाण विस्वास करे हे अन परक की दाण वी भाग जावे हे।
ज्यो मनक आपणी देह का रूप में हव दिकावो करे हे वीं थाँका पे खतनो कराबा को जोर देवे हे। वीं यो बेस ईं वाते करे हे के, वीं मसी की हूळी का परच्यार का मस हताया ने जावे।
काँके देमास तो ईं दनियादारी का मो-माया में पड़न मने छोड़न थिस्सुलुनिक्यों नगर परोग्यो हे। क्रेसकेस गलातिया नगर में अन तीतूस दलमतिया नगर में परोग्यो हे।
मूँ जाणूँ हूँ के, थूँ वटे रेवे हे जटे सेतान की गाद्दी हे। अन मारा ईं नाम पे विस्वास करे हे जद्याँ के, थाँरा नगर में मारो विस्वास जोगो दास अन्तिपास वटे मारिया ग्यो, जटे सेतान की जगाँ हे। तो भी थूँ विस्वासऊँ ने छेटी व्यो।