13 मूँ वाँकाऊँ केणी में बाताँ ईं वाते करूँ हूँ के, मूँ ज्यो कई करूँ हूँ वो वाँने दिके हे पण हमजे कोयने अन ज्यो कई कूँ हूँ वो हुणे पण हमजे कोयने।
“पण धन्न हो थाँ, थाँकाऊँ परमेसर राजी हे काँके थाँ देको हो अन हमजो हो।
सास्तर में लिक्यो तको हे, “परमेसर वाँने बना चेता की आत्मा दिदी। ‘अस्यान की आक्याँ दिदी ज्याँने दिके कोयने। अन अस्यान का कान्दड़ा दिदो ज्यो हुण ने सके।’ अन आ दसा अबाणू तईं बणी तकी हे।”