ईं वाते थें जान ईंको अरत सास्तरा में कई हे वींने हमजो, ‘मूँ बली ने छावूँ हूँ, पण दया-भाव छावूँ हूँ।’ मूँ धरमिया कोयने, पण पापी मनकाँ ने बलावा आयो हूँ।”
यरूसलेम में रेबावाळा अन वाँका अदिकारियाँ भी ईसू ने कोयने ओळक्यो अन सबद का हरेक दन हुणाता तका परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा का बचन ने कोयने हमज्या, पण ईसू पे दोस लगान वाँ वसना ने पूरा किदा।