48 यो हामळन ईसू केबावाला ने क्यो, “मारी बई कूण हे? अन कूण हे मारा भई?”
“ज्यो माराऊँ आपणाँ बई-बापूऊँ हेलो लाड़ करे हे, वो मारो चेलो बणाबा जोगो ने हे। ज्यो खुद का छोरा-छोरियाऊँ हेलो लाड़ राके हे वो भी मारो चेलो बणबा के जोगो ने हे।
ईं वाते कणी ईसुऊँ क्यो, “देक थारी बई अन थारो भई बारणे ऊबा हे, अन थाँराऊँ बाताँ करणा छावे हे।”
अन आपणाँ विस्वास्याँ की आड़ी आपणाँ हात लाम्बो करन क्यो, “देको, मारी बई अन मारो भई ईं हे।
ईसू वणाऊँ क्यो, “थाँ मने कई लेवा होदरिया हो? कई थाँ यो ने जाणता हा के, मारा बाप का घर में मारो रेणो जरूरी हे?”
ईसू अकल अन डील में, परमेसर अन मनकाँ की करपा में बड़तो ग्यो।
अबे आगेऊँ आपाँ कणी भी मनक को ईं दनियाँ की रीत जस्यान न्याव ने कराँ। जद्याँ एक टेम आपाँ मसी को भी दनियाँ की रीत के जस्यानीस न्याव किदो हो, पण अबे कई भी वे आपाँ वींने अस्यान ने देकाँ।