43 “जद्याँ हुगली आत्मा मनक मूँ निकळ जावे हे, तो हून्नी जगाँ में रईम्बो का वाते जगाँ होदती रेवे हे अन वींने जगाँ ने मले हे,
तद्याँ वाँ आपणाँ खुदऊँ केवे हे, ‘मूँ आपणाँ वीं घर में जटाऊँ निकळी ही, पाच्छी परी जाऊँ।’ अन पाच्छी फरन आवे तो वटे हुन्नो, साप-सपई अन हारोई ठाणे पावे हे।
वाँकाणी ईसू ने ओळकन हाका-भार किदी अन क्यो, “हो परमेसर का पूत, थूँ माँकाऊँ कई छावे हे? कई थूँ माँने टेमऊँ पेल्याई दण्ड देबाने अटे आयो हे?”
तद्याँ समोन खुद भी भरोसो किदो अन बतिस्मो लेन फिलिपुस की लारे रेवा लागो। वो परच्या अन अनोका कामाँ ने देकन अचम्बा में पड़ग्यो।
थाँ हूँस्यार रेवो अन जागता रेज्यो, काँके थाँको दसमण सेतान दहाड़ करबावाळो नार की जस्यान ईं भाळ में हे के, वो थाँने फाड़न खावे।