41 नीनवे नगर का लोग-बाग न्याव का दन ईं जुग का लोगाँ का हाते उटन थाँने दोसी बणाई, काँके वाँकाणी योना को परच्यार हामळन वणा आपणाँ मन पापऊँ फेर लिदो अन देको, अटे ज्यो हे, वो योनाऊँ भी मोटो हे।
पण ईसू वाँने क्यो, “ईं दनियाँ का हूँगला अन कुकरमी लोग हरग को हेन्याण मागे हे, पण परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा योना का हेन्याण ने छोड़न कुई दूज्यो हेन्याण वाँने ने दिदो जई।
आतमणी दिसा की राणी न्याव का दनाँ में अणी जुग का मनकाँ का हाते उटन थाँने दोसी बणाई, काँके वाँ राजा सुलेमान को ज्यान हुणबा का वाते धरती का अणी खुणाऊँ वीं खुणा तईं अई अन देको, अटे ज्यो हे वो सुलेमानऊँ भी मोटो हे।
तद्याँ वाँ जान आपणाँऊँ ओरी हुगली हात आत्माने आपणाँ हाते ले आवे हे, अन वीं वींमें धसने वटे वास करे हे, अन वीं मनक की पाछली दसा पेल्याऊँ भी हुगली वे जावे हे। ईं जुग का हूँगला मनकाँ की दसा भी अस्यानीस वेई।”
नीनवा का लोग-बाग न्याव का दन अणी पीड़ी का लोग-बागाँ का विरोद में ऊबा रेन दोसी ठेराई। काँके वणा योना का परच्यार ने हुणन मन फेरियो अन देको, अटे वो हे, ज्यो योनाऊँ भी मोटो हे।”
थूँ जिंका नके नेम लिक्या तका हे अन थाँरो खतनो भी व्यो हे। अतरो व्या केड़े भी थूँ ज्यो नेमा ने तोड़े हे। ईं वजेऊँ वो मनक जिंको देह का हस्याबूँ खतनो ने व्यो हे अन ज्यो नेमा को पालण करे हे, वो थने गुनेगार ठेराई।
विस्वास करबा की वजेऊँ नूह भी वणा बाताँ ने ज्यो वींने दिकई कोयने दिदी ही। ईं बारा में चेतावणी पान परमेसर की दरपणी का हाते आपणाँ परवार ने बंचाबा का वाते जाँज बणायो हो, अस्यान करन वणी दनियाँ ने दोसी ठेराई अन वो धारमिकता को वारिस बणग्यो, ज्यो विस्वास करबाऊँ आवे हे।