ज्यो कुई मूँ मनक का पूत का विरोद में कई गलती करी, वींकी गलती माप किदी जाई, पण ज्यो कुई पुवितर आत्मा का विरोद में कई गलती करी, तो वींने कदी माप ने किदो जाई।
थाँ होचो के, वो मनक कतरो दण्ड भोगी, जणी आपणाँ पगा का रेटे परमेसर का बेटा ने गूँन्दयो हे, अन वो वणी करार का पुवितर लुई जणीऊँ वो पुवितर किदो हो वो वींने एक अपुवितर मान्यो हे अन वणी दया करबावाळी आत्मा को भी अपमान किदो हे।
जद्याँ कुई मनक खुद का भई ने अस्यान को पाप करतो देके, जिंको फळ अनंत मोत कोयने हे, पण वो परमेसरऊँ वींके वाते परातना करे तद्याँ परबू वींने मोत को दण्ड कोयने देई पण वाँकी परातना हुणन अनंत जीवन देई। पण मूँ वणा मनकाँ का वाते परातना करबा का वाते ने केऊँ, ज्यो अस्यान का पाप करे, जिंको फळ अनंत मोत हे।