चेला ने गरू का बराबर वेवा में अन हाळी ने मालिक का बराबर वेवा मेंईस संतोक करणो छावे। यद्याँ वीं घर का मालिक ने बालजेबूल केवे, तो वाँका घर का लोगाँ ने ओरी हेलो बुरो काँ ने केई?
हाराई सिरिया देस में वाँको हव हमच्यार फेलग्यो। ईं वाते लोग अस्या हाराई मनकाँ ने ज्यो तरे-तरे की मांदकीऊँ माँदा हा, जणामें हुगळी-आत्मा, जाँने मरगी का जोला आता हा, अन जीं लकवा का माँदा हाँ, वाँने ईसू का नके लाया अन ईसू वाँने हव किदा।
आपाँ जाणा हे के, नेम ज्यो कई केवे हे, वाँने केवे हे ज्यो नेमा का बंस में हे। अणीऊँ हाराई का मुण्डा बन्द किदा जा सके अन हारी दनियाँ परमेसर का दण्ड के जोगी वे।