25 ईसू वाँका मन ने जाणन वाँकाऊँ क्यो, “कणी भी राज में यद्याँ फुट पड़ जावे, तो वो नास वे जावे हे अन कुई नगर कन घर-परवार में फुट वेवे हे, वो अटल ने रेई।
ईसू वाँके मन की बात जाणन वणाऊँ क्यो, “थाँ आपणाँ मना में खोटा बच्यार काँ लावो हो?
फटाकऊँ ईसू मन में आ बात जाणग्या के, वे लोग मन में कई होचरया हे अन वाँकाणी वाँने क्यो, “थाँ मन में अस्यी बाताँ काँ होचरया हो?
ईसू तीजी दाण क्यो, “ए समोन, यहुन्ना का बेटा, कई थूँ माराऊँ परेम राके हे?” तो पतरस दकी वेग्यो के, वाँकाणी वींने तीजी दाण अस्यान काँ क्यो, “कई थूँ माराऊँ परेम राके हे?” अन वाँने क्यो, “ओ परबू, थाँ तो सब जाणो हो। थाँ ओ भी जाणो हो के, मूँ थाँकाऊँ परेम करूँ हूँ।” ईसू वींने क्यो, “मारा गारा ने चरा।
मनकाँ की आत्मा का सिवा वाँका खुद का बच्याराँ ने कुई ने जाणे, वस्यानीस परमेसर की आत्मा के सिवा परमेसर का बच्याराँ ने कुई ने जाणे हे।
पण थाँ तो आपस में एक-दूजाऊँ बेर राको हो, अन यद्याँ थाँ अस्यानीस करता रिया तो ध्यान राकज्यो के, एक दन आपस में एक दूजाँ ने मार ने नाको।
दनियाँ की कस्यी भी चीज परमेसरऊँ हपी तकी ने हे, वाँकी आक्याँ का हामे हारी चिजाँ खुली अन बना परदा की हे। वाँका हामे आपाँने आपणो लेको देणो हे।
अन मोटा नगर का तीन टुका वेग्या अन पापी मनकाँ का हाराई नगर नास वेग्या। परमेसर बाबुल नगर ने दण्ड देबा का वाते आद किदो, जणीऊँ वीं वींने आपणाँ गुस्साऊँ भरिया तका दाकरस का प्यालो पावे।
मूँ वींका बाळकाँ ने मार देऊँ, तो हारी मण्डली ओ जाण जाई के, मूँ मन अन बदी जाणबावाळो हूँ। अन मूँ थाँ हाराई ने थाँका कामाँ के जस्यान बदलो देऊँ।