22 तद्याँ लोग-बाग हुगली आत्मा धस्यी तका एक मनक ने ईसू का नके लाया ज्यो वणी आत्मा की वजेऊँ आंदो अन गूँगा हो। अन ईसू वींने हव किदो, अन वो बोलबा अन देकबा लागो।
हाराई सिरिया देस में वाँको हव हमच्यार फेलग्यो। ईं वाते लोग अस्या हाराई मनकाँ ने ज्यो तरे-तरे की मांदकीऊँ माँदा हा, जणामें हुगळी-आत्मा, जाँने मरगी का जोला आता हा, अन जीं लकवा का माँदा हाँ, वाँने ईसू का नके लाया अन ईसू वाँने हव किदा।
जद्याँ कणी मनक में हुगली आत्मा ही, वीं ईसू ने देकती, तो वे हंगळी आत्मा वाँका हामे रेटे पड़ जाती अन ज्योर की हाका-भार करती तकी केती, “थूँ परमेसर को पूत हे।”
थूँ वाँकी आक्याँ ने खोले अन वीं अंदाराऊँ उजिता का आड़ी, अन सेतान की सगतिऊँ परमेसर का आड़ी फरे ताँके वाँने पापाऊँ मापी मले अन परमेसर का चुण्या तका लोगाँ के हाते वीं भी बापोती में भेळा वेवे।’
ईं पाप का मनक को आणो सेतान की सगतिऊँ वेई अन ईंका में हारी जूटी तागत, जूटा हेन्याण, अचम्बा का काम अन पापऊँ भरिया छळ-कपट वेई। अन ओ अणा सगत्याँ ने वाँ मनकाँ वाते काम में लेई जीं नास वेबावाळा हे, काँके वणा हाँच का परेम ने गरण ने किदो जणीऊँ वाँकी मुगती वे जाती।