19 वो ने कदी कणीऊँ लड़ई करी, अन नेई हाका-भार करी, अन नेई बजार में कुई वींकी अवाज हूणी।
मारो जूँड़ो आपणाँ खादा पे जोत लो अन माराऊँ हिको, काँके मूँ हुदो हूँ अन मारो मन दयाऊँ भरियो तको हे अन थाँने भी आपणाँ मन में आराम मली,
जद्याँ तईं वो मनकाँ को ईमानदारी का हाते न्याव ने करी वो किंकोई नास ने करी, वीं पलई वाड़ा का पतला टिण्डका का जस्यान वाँको वो कन दिवा का धूवा का जस्यान कमजोर वो।
एक दाण फरीसियाँ ईसुऊँ पूँछ्यो के, “परमेसर को राज कदी आई?” ईसू वाँने क्यो, “परमेसर का राज परगट रूप में ने आई।
मूँ पोलुस, थाँका हामे मसी की नरमाई अन वींकी करपा की गवई देन थाँकाऊँ अरज करूँ हूँ। लोगाँ को केणो हे के, जद्याँ मूँ थाँका हामे रेऊँ हूँतो मूँ थाँका लारे नरमाईऊँ वेवार राकूँ हूँ, पण जद्याँ मूँ थाँका हामे ने रूँ तो मूँ नरमाई ने राकूँ हूँ।