16 पण वाँकाणी वाँने हेंचेत किदा के, ईं बात को परच्यार मती करो।
यो ईं वाते व्यो के, परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा यसाया का मुण्डाऊँ परमपिता परगट किदो, वो पूरो वे,
जद्याँ वीं मंगराऊँ रेटे उतरिया हाँ तद्याँ ईसू वाँने ओ क्यो, “जद्याँ तई मनक को पूत मरिया तकाऊँ ने जी उटी, तद्याँ तईं ज्यो कई थाँ देक्यो हे किंने भी मती किज्यो।”
ईसू वणीऊँ क्यो, “देक, ईंका बारा में किंने केज्ये मती पण जान आपणाँ खुद ने याजकाँ ने बता अन ज्या बोलमा मूसे चढाबा के वाते बतई हे वींने चढा, जणीऊँ मनकाँ ने यो सबूत मल जावे के, थाँरो कोड़ जातो रियो।”
अन वाँकी आक्याँ खलगी। ईसू वाँने चेताते तके क्यो, “ध्यान राकज्यो, ईं बाताँ का बारा में किंने पतो ने चालणो छावे।”
ईसू आपणाँ चेला की लारे गलील समन्द पे पराग्या, वाँका पाच्छे गलीलऊँ घणी भीड़ वेगी ही, वे यहूदियाँ,
पछे ईसू लोगाँ ने आदेस दिदो के, यो किंने भी बताज्यो मती, पण वणा मनकाँ ने जतरा ढाबया, वणा वतरोई वणी बात को हेलो परच्यार कर दिदो।