28 “ओ थाँक्या, माँदा अन बोजऊँ दब्या तका मनकाँ, मारा नके आवो, मूँ थाँने आराम देवूँ।
मारो जूँड़ो आपणाँ खादा पे जोत लो अन माराऊँ हिको, काँके मूँ हुदो हूँ अन मारो मन दयाऊँ भरियो तको हे अन थाँने भी आपणाँ मन में आराम मली,
वीं एक अस्या बोज ने जिंने तोकणो अबको हे, वींने मनकाँ का खादा पे मेले हे। पण खुद वींने आपणी आँगळीऊँ भी टेको ने देणो छावे हे।
ज्याँने भी परमेसर मने हुप्याँ हे वीं हाराई मारा नके आई अन ज्यो कुई मारा नके आई, वणाऊँ मूँ कदी भी मुण्डो ने फेरूँ।
पछे तेवार के आकरी दन ज्यो खास दन वेतो हो। वीं दन ईसू ऊबो वेन जोरऊँ क्यो, “यद्याँ कुई तरियो वे तो मारा नके आवे अन पिवे।
तो अबे, थाँ काँ परमेसर की परक करो के विस्वासी पे अतरो बोज नाको के, वींने ने तो आपणाँ बापदादा अन ने आपीं तोक सका।
में थाँने हंगळो करन दिकायो के अस्यान मेनत करता तका गरीबा ने हमाळो अन परबू का बचन ने रोज याद राकज्यो, जो वणी क्यो हो के, “लेबाऊँ देणो हव हे।”
ईसू मसी आपाँने आजादी के वाते आजाद किदा, आपाँने ईंमेंइस रेणो हे अन गुलामी का कामाँ में पाच्छा मती जावो।
अन परबू ईसू मसी जद्याँ आपणाँ हरग-दुत का हाते हगलती तकी वादी में हरगऊँ आई, तो थाँ जी कळेस जेलरिया हो, वो माकाँ हाते थाँने सक-चेन देई।
ईं वाते जद्याँ वींके रईम्बावाळी जगाँ में आबा को वादो अबाणू तईं हे, तो आपाँने ध्यानऊँ रेणो छावे, अस्यान ने वे के, थाँकामूँ कुई भी वणीऊँ चूक जावे।
पुवितर आत्मा अन लाड़ी केवे हे, “आ।” अन ज्यो ईंने हुणे हे, वीं भी केवे, “आ।” अन ज्यो तरियो हे वो भी आवे अन ज्यो कुई छाई, वो जीवन को पाणी फोकट में पिया करी।