25 वीं दाण ईसू क्यो, “हो परम बापू, हरग अन धरती का परबू, मूँ थाँको धन्नेवाद करूँ हूँ के, थाँ अणा बाताँ ने ग्यानी अन स्याणाऊँ हपान राकी अन भोळा मनकाँ पे परगट किदी हे।
ईसू वाँने जवाब दिदो, “हो समोन, योना का पूत, थूँ धन्न हे, काँके थने आ बात कणी मनक ने क्यो, पण मारा बाप ने ज्यो हरग में हे, आ बात थाँरा पे परगट किदी हे।
अन ईसू वाँने केवा लागा, “कई थूँ हुणे हे के, ईं कई केवे हे?” ईसू वाँने क्यो, “कई थाँ सास्तर में ने भण्यो, ‘छोरा-छोरी अन दूद पिवता फोरा बाळकाँ का मुण्डाऊँ थाँ घणी जे-जेकार करई हे’?”
“ओ बापू, यद्याँ थाँकी मरजी वे, तो अणी दुक का प्याला ने मारा नकूँ छेटी कर दो। पछे भी मारी मरजी ने पण, थाँरी मरजी पुरी वे।”
जद्याँ ईसू बोल्या, “ओ बापू, अणाने माप कर दो, काँके ईं लोग ने जाणे हे के, ईं कई कररिया हे।” पसे सपायाँ कागद की गोट्याँ नाकन वाँका गाबा बाँट लिदा।
तद्याँ वाँकाणी वीं भाटा ने छेटी किदो। पसे ईसू ऊपरे देकन क्यो, “हो बापू परमेसर, मूँ थाँको धन्नेवाद करूँ हूँ, काँके थाँ मारी हूणी हे।
“अबे मारो जीव दकी हे। ईं वाते कई मूँ यो कूँ के, ‘हो बापू, मने अणी घड़ीऊँ बंचा’? ने, पण मूँ तो अणी घड़ी का दुक नेईस भोगबा आयो हूँ।
हो बापू, थाँका नाम की मेमा बतावो।” तद्याँ हरग या अवाज अई, “में मारी मेमा बतई हे अन ओरू भी बताऊँ।”
जणी परमेसर धरती अन ईंकी हंगळी चिजाँ ने बणई, वो हरग अन धरती को परबू हे अन वो हाताऊँ बणाया तका मन्दर में कोयने रेवे हे।
पण परमेसर वणा भेद की बाताँ ने आपणी आत्माऊँ आपाँने परगट किदा, काँके आत्मा हाराई बाताँइस ने पण परमेसर का भेद की बाताँ भी जाणे हे।
पण वाँकी अकल बन्द वेगी ही अन वीं अबाणू तईं वणी जूना करार ने भणे हे। ईं वजेऊँ अबाणू भी वोईस परदो वाँकी आक्याँ पे पड़्यो तको हे अन ओ परदा बेस मसीइस छेटी कर सके हे।