16 “मूँ ईं टेम की पीड़ी का लोगाँ ने किंका बराबर गणूँ? वीं वणा बाळकाँ का जस्यान हे, ज्यो बजारा में बेटन एक-दूजाऊँ हेलो पाड़न केवे हे के,
ज्याँके हुणबा का वाते कान्दड़ा हे वीं हुणलो।
‘माँ थाँका वाते बाजो बजायो, अन थाँ ने नाच्या, माँ होक-गीत किदो, पण थाँ ने रोया।’
हो हाँप का बच्या, थें बुरा वेन कस्यान हव बाताँ कर सको हो? काँके ज्यो मन में हे, वोईस मुण्डा में आवे हे।
मूँ थाँने हाँची केवूँ हूँ के, ईं हारी बाताँ को दण्ड ईं पीड़ी का लोगाँ ने भुगतणो पड़ी।
बजार में नमस्कार अन वाँने खुद ने गरुजी केवाणो हव लागे हे।
मूँ थाँने हाँची केरियो हूँ के, ईं पिड़ीयाँ का मनकाँ के मरबा के पेल्याँई हारी बाताँ वे जाई।
आपणाँ उपदेस में वे क्यो, “मूसा का नेमा ने हिकाबावाळाऊँ हूँस्यार रेणो। वाँने आपणाँ जब्बा पेरन अटने-वटने गूमणो हव लागे हे। अन वीं छावे के, बजार में दूजाँ लोग माने नमस्कार केवे।
पछे ईसू पूँछ्यो, “आपाँ कस्यान बतावा के, परमेसर को राज किंके जस्यान हे? वींने हमजबा का वाते आपाँ कस्यी केणी ने काम में लावाँ?
“ओ फरीसियाँ, थाँने धिकार हे। थाँ यहूदियाँ का परातना घर में ऊँचा-ऊँचा आसन छावो हो अन बजारा में आदर-मान छावो हो।
पसे ईसू क्यो, “परमेसर को राज कणी तरिया को हे? अन मूँ वींको बखाण कस्यान करूँ?