9 आपणाँ खुल्या में ने होनो, ने रिप्या-कोड़ी, ने तांबा का सिक्का लो।
माँदा ने हव करो, मरिया तका ने जीवता करो, कोड़्या को कोड़ खतम करो अन हुगली आत्माने काड़ो। थाँ ईंने फोगट में पायो, तो ईंने फोगट मेंईस बाँटो।
वणा आपणाँ बाराई चेला ने बलाया अन दो-दो जणा ने बारवास में खन्दाया। वणी वाँने हुगली आत्माने निकालबा को हक दिदो।
पसे ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “जद्याँ में थाँने बना बटवा, जोळी अन बना पगरख्याँ के खन्दाया हा। तो कई थाँने कणी भी बात की कमी वी?” वणा क्यो, “कणी भी बात की कमी ने वी।”