37 “ज्यो माराऊँ आपणाँ बई-बापूऊँ हेलो लाड़ करे हे, वो मारो चेलो बणाबा जोगो ने हे। ज्यो खुद का छोरा-छोरियाऊँ हेलो लाड़ राके हे वो भी मारो चेलो बणबा के जोगो ने हे।
ईसू वींने क्यो, “थूँ आपणाँ परबू परमेसरऊँ आपणाँ पूरा मन, पूरा जीव अन पुरी अकल का हाते परेम राक।
“तद्याँ वणी आपणाँ नोकराऊँ क्यो, ‘ब्याव को जीमणो त्यार हे, पण जान्ये नुत्या हा, वीं बेकार निकळ्या।
“यद्याँ कुई मारा पाच्छे आवे अन आपणाँ बई-बापू, लुगई अन छोरा-छोरी अन भई-बेन अन अटा तईं आपणाँ जीव ने भी माराऊँ प्यारो माने, तो वो मारो चेलो ने बण सके हे।
पण, वी मनक वणी जुग में परवेस करन मरिया तकाऊँ जीवता वेबा का काबिल हे, वीं ब्याव ने करी।
ईं वाते जागता रो अन हरेक टेम परातना करता रेवो, ताँके थाँ अणा हारी आबावाळी आपतीऊँ बचन अन मूँ मनक का पूत का हामें ऊबा रेवा के जोगा बण सको।”
ईं वाते हाराई लोग-बाग जस्यान परमेसर को आदर-मान करे हे वस्यानीस मारो भी आदर-मान केरी। ज्यो मारो आदर-मान ने करे हे, वीं वणा परमेसर को भी आदर-मान ने करी, जणा मने खन्दायो हे।
पण सरदीस थाँरा मयने थोड़ाक मनक हे जीं खुद ने पुवितर बणान राक्या हे। वीं धोळा गाबा पेरन मारा हाते-हाते गुमी, काँके वीं खरा मनक हे।