35 मूँ बेटा ने आपणाँ बाप का विरोद में, बेटी ने बई का विरोद में, लाड़ी ने हवजी का विरोद में करबा ने आयो हूँ।
“भई आपणाँ भई के, बई-बापू आपणाँ बाळकाँ के अन बाळक आपणाँ बई-बापू के विरोद में जाई अन वाँने धोकाऊँ पकड़वान मरबा नाकी।
तद्याँ नरई मनक विस्वास करणो छोड़ देई, अन एक दूजाने धोकाऊँ पकड़वाई अन एक-दूजाऊँ दसमणी राकी।
भई, भई ने धोकाऊँ पकड़ान मरवाई। बाप बेटा ने धोकाऊँ मरवाई, छोरा-छोरी आपणाँ बई-बापू का खिलाप ऊबा वेन वाँने मरवाई।
बाप बेटाऊँ अन बेटो बापऊँ विरोद राकी। बई बेटीऊँ अन बेटी बईऊँ अन हवजी लाड़ीऊँ अन लाड़ी हवजीऊँ विरोद राकी।”
अन थाँका बई-बापू, भई-बन्द अन परवार का हण्डाळ्याँ भी थाँने धोकाऊँ पकड़वाई। अटा तईं के थाँकामूँ नरई ने मरवा नाकी।